नेपाल में प्रेम रावत का शांति संदेश: ‘जीवन में शांति संभव है

विश्व भर में पिछले 59 वर्षों से मानवता और शांति का संदेश दे रहे, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शांति दूत और तीन बार के गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक प्रेम रावत जी, 11 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर नेपाल आ रहे हैं। वह शनिवार, 19 अप्रैल को शांति का संदेश देने हेतु श्रोताओं को संबोधित करेंगे।
यह कार्यक्रम आत्म ज्ञान प्रचार संघ नेपाल द्वारा गौतम बुद्ध अंतरराष्ट्रीय मैदान, सैनामैना नगरपालिका वार्ड नंबर 7, रूपन्देही (बुटबल के पास) में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम सुबह 7:30 बजे शुरू होगा और 10:00 बजे तक चलेगा।
हाल ही में फरवरी और मार्च माह में उन्होंने भारत के रायपुर, मिर्जापुर और देहरादून में हजारों लोगों को संबोधित किया। उन्हों ने कहा: “इस संसार में सब कुछ बदलता रहता है, लेकिन जब तक आप जीवित हैं, आपकी स्वांसों का आना-जाना कभी नहीं बदलता। यह स्वांस बनाने वाले की कृपाहै। जब आप इससे जुड़ना सीख जाते हैं, तो आपका जीवन बेहतर हो जाता है।”
एक कहानी के माध्यम से उन्होंने बताया: “स्वर्ग और नरक यहीं है। जब आप क्रोध औ रअहंकार में होते हैं, तो आप नरक में होते हैं। लेकिन जब आपका हृदय प्रेम और कृतज्ञता से भर जाता है, तो आप स्वर्ग का अनुभव करते हैं। अपने जीवन में स्वर्ग को महसूस करें।”
उन्होंने यह भी कहा: “अपनी आँखें खोलिये और अपने अंदर देखिये, आप उस चीज का अनुभव करेंगे जो पहले से ही आपके अंदर है, तब आपका हृदय आनंद और कृतज्ञता से भर जाएगा।” उन्होंने कहा कि “यह केवल शब्द नहीं हैं बल्कि मैं इसे अनुभव कराने का तरीका भी बताता हूँ, जिसे मैं ‘ज्ञान’ कहताहूँ।”
उनके संदेश पर आधारित “पीस एजुकेशन प्रोग्राम” ने अब तक दुनिया भर में 5 लाख से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।
उन्होंने कहा, “आज मैं वही संदेश आपके लिए लाया हूँ ताकि आप भी इस परिवर्तन का अनुभव करें और अपने जीवन को आनंद और संतोष से भर सकें।”
आयोजकों के अनुसार, गोरखपुर, महराजगंज, बेतिया और भारत-नेपाल सीमा से सटे अन्य जिलों से विशेष रूप से बड़ी संख्या में लोगों की रुचि देखने को मिल रही है। इन क्षेत्रों में प्रेम रावत का संदेश जन संपर्क और मौखिक प्रचार के माध्यम से निरंतर लोकप्रियता प्राप्त कर रहाहै।